उमंग जो जगी दिल में वो कैसे बुझती | मै जीद कर बैठा उसके नूर से मिलने की ||
उदास जो मै था जेठ की गर्मी से |ललचाया उसी ने था अपनी मौजूदगी से ,
बदलो के सामियाने और उसपर हवा के थपेड़ो से ||
मैंने भी जीद कर ली उसकी शीतलता उसके वजूद में शमा जाने की |
उसमे भींगने की अपना सबकुछ लुटा जाने की ||
nice start yaar.. i really liked it :)
ReplyDeleteahaaaayeeeee....!!!!
ReplyDeletebadi stud wali pic lagayi hai..!! goggles and all..!